Ramsnehi Sampraday

श्री हिम्मतराम जी महाराज की आरती

श्री हिम्मतराम जी महाराज की आरती

ramsnehi-aarti sangrah

टारती कीजे रामनिरंजन, ज्ञान नीर करिये मन मंजन।।टेर।।

कर विचार दीपक उर अन्दर, मिटे तिमिर दर्षे सुख सुन्दर।।1।।

चित चंदन चेतन चर्चावे, घण्टा अनहद शब्द बजावे।।2।।

नित्य नियम नैवेद्य समर्पण, करो सकल यूं आतम अरपण।।3।।

पाय परम पद अचल अनूपा, भये दास स्वामी तद्रूपा।।4।।

हिम्मतराम यह आरती गावे, जन्म मरण भव दुःख नसावे।।5।।

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