Ramsnehi Sampraday

श्री नारायण दास जी महाराज की आरती

श्री नारायण जी महाराज की आरती

आरती कीजे अन्तर माही, बाझी भरम सब दूर बिलाही।।टेर।।

किस विधि आरती कीजे जांकी, मूरति दृष्टि पडे नहीं तांकी।।1।।

मन मन्दिर मंें सुन्दर ज्योति, शब्द अनाहद जहां ध्वनि होती।।2।।

जांके अंग न संग न रंगा, सब घट पूरण एक अभंगा।।3।।

नारायणदास यह आरती गावे, गुरू ब्रह्म जन एक लखावे।।4।।

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